एयर गूटी (Air Gooty) क्या है?

एयर गूटी (Air Gooty) का नाम शायद ही आपने पहले कभी सुना हो, लेकिन ये बहुत ही मज़ेदार एक्टिविटी होने के साथ-साथ बहुत फ़ायदेमंद भी है। इसलिए इस पोस्ट को आखिरी तक जरूर पढ़ें और हमें कमेंट करके भी ज़रूर बतायें कि इससे आपने क्या सीखा और आप इसे कहाँ कहाँ इस्तेमाल कर सकते हैं।
एयर गूटी (Air Gooty) क्या है?
सबसे पहले आपके दिमाग में यही सवाल आया होगा कि एयर गूटी है क्या?
असल में ये कृषि का ही एक हिस्सा है या ये कह सकते हैं कि एक गतिविधि है जो काफी लोकप्रिय होती जा रही है।
एयर गूटी को गूटी बंधन या एयर लेयरिंग (Air Layering) या मार्कॉटिंग (Marcotting) भी कहते हैं।
इस गतिविधि में किसी बड़े स्वस्थ पौधे की शाखा में कट लगा कर जड़ें बनाई जाती हैं।
जिसे तीन महीने बाद उस शाखा से अलग करके एक नया पौधा बना दिया जाता है। जिससे एक बना बनाया पौधा मिल जाता है।
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एयर गूटी के फायदे
अब बात करते हैं इसके फायदे के बारे में।
एयर गूटी की जरूरत क्यों पैदा होती है? और इसे करने के क्या फायदे हैं? कृषि में इसे क्यों ख़ास अहमियत क्यों मिल रही हैं?
1. इसका सबसे बड़ा फायदा ये है कि तीन महीने के अंदर बना बनाया पौधा मिल जाता है।
2. ये काफी सस्ता पड़ता है।
3. इस गतिविधि को करना काफी आसान है।
4. एक बड़े पौधे में से कई सारे पौधे बनाए जा सकते हैं।
5. नए पौधों के लिए बीज की भी जरूरत नहीं पड़ती है।
6. इसमें समय की बचत होती है। अगर हम किसी पौधे को बीज से उगाते हैं तो इसे एक पोधा बनने में काफी वक्त लग जाता है और साथ ही साथ इसकी देखभाल भी बहुत करनी पड़ती है।
एयर गूटी में एक छोटी सी एक्टिविटी या प्रोसेस को अपनाया जाता है जिसमें मुश्किल से 15-20 मिनट का वक्त लगता है और तीन महीने के अंदर एक नया स्वस्थ पौधा मिल जाता है।
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आवश्यक सामग्री
इसके लिए आपको कुछ सामान और टूल्स की जरूरत पड़ती है जिसकी लिस्ट नीचे है:
1. चाकू
2. मॉस घास
3. पेस्ट
4. पॉलिथीन
5. धागा
6. कटर
इन टूल्स की मदद से आप एयर गूटी बना सकते हैं।
पूरी एक्टिविटी देखने के लिए आप ये वीडियो भी देख सकते हैं।.
गूटी बनाने का तरीका
इसमें सबसे पहले एक स्वस्थ और तंदरुस्त पेड़ को चुनना होता है। फिर उसकी हेल्दी शाखा में चाकू की मदद से रिंग टाइप का कट लगा कर उसकी छल को हटा दिया जाता है।
उसके बाद उस कट किए हुए हिस्से में पेस्ट लगा दिया है। फिर मोस घास को पानी में अच्छी तरह गीला करके और निचोड़ कर पेस्ट के ऊपर बांध दिया जाता है।
बाद में मॉस घास को पॉलिथीन से चारों तरफ से लपेट कर, उसके दोनों तरफ टाइट करके धागे से बांध दिया जाता है ताकि उसमें हवा पास न हो सके।
बस इसमें इतना ही करना होता है और उसके बाद इंतजार। 6 सप्ताह के बाद पॉलिथीन के अंदर जड़ें नज़र आने लगती हैं।
जब जड़ें पूरी तरह बढ़ती हैं, तो उस हिस्से तक शाखा को कटर से काट लिया जाता है। और पॉलिथीन हटा कर नई जगह प्लांट कर दिया जाता है।
यही पौधा बाद में एक पेड़ बन जाता है जो बिना किसी बीज के उगाया हुआ होता है।
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इस पोस्ट को पढ़ने के लिए आप सभी का बहुत बहुत शुक्रिया और आपको एयर गूटी कैसी लगी, हमें कमेंट करके जरूर बताएं।
अगर आपने भी इसी तरह की कोई गतिविधि की है, तो आप हमें हमारी ईमेल badteraho@gmail.com पर भेज सकते हैं। हम आपकी पोस्ट को अपने नाम और आपकी डिटेल के साथ अपने ब्लॉग पर पब्लिश करेंगे।
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