नई पार्लियामेंट कई मायनों में पुराने भवन से अलग है। आइये आपको बताते हैं कि संसद का नया भवन बनाने में कितना समय लगा, साथ ही कितनी लागत आई, पुराने भवन से यह कितना अलग और बड़ा है, इसमें क्या क्या ख़ास है जो पुराने संसद भवन में नहीं था और इसे बनाने में किस […]
यह कविता मान्शी जी ने भेजी है। इस कविता में मान्शी जी ने बुज़ुर्गों के महत्त्व को अपने शब्दों में कविता के माध्यम से व्यक्त किया है। हमारे पेरेंट्स हमारे लिए कितनी मेहनत करते हैं और हमारी खुशियों के लिए कितना समझौता करते हैं। इसलिए हमें भी चाहिए के उनके बूढ़ा होने पर हम उनका साथ […]