11वी की छात्रा रितिका ध्रुव को NASA ने अपने सर्च मिशन के लिए चुना
अपनी मेहनत और लगन से रितिका ने ये साबित कर दिया है कि अगर आप अपने लक्ष्य के प्रति ईमानदार हैं तो कुछ भी मुमकिन है। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ की रहने वाली और 11वी की छात्रा को NASA ने अपने सर्च मिशन के लिए चुना है।
आइये जानते हैं रितिका के बारे में कि यहाँ तक पहुँचने के लिए उन्हें किन परेशानियों का सामना करना पड़ा और उनका ये सफर कैसा रहा?
रितिका छत्तीसगढ़ में महासमुंद जिले के सिरपुर की रहने वाली हैं और नयापारा के इंग्लिश मध्यम स्कूल स्वामी आत्मानंद में पढ़ती हैं। रितिका अकेली नहीं हैं जिनका चयन नासा के सर्च मिशन में हुआ है। पूरे भारत में कुल 6 छात्रों को इस मिशन के लिए चुना गया है जिसमे रितिका भी शामिल हैं। लेकिन रितिका की मेहनत और सफलता बाकी लोगों से अलग है।
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आगे बढ़ने से पहले जानते हैं रितिका के पिता के बारे में जो एक साधारण व्यक्ति हैं, और साइकिल रिपेयरिंग की दूकान चलाते हैं। ऐसे में आप समझ सकते हैं कि रितिका को किन किन परेशानियों का सामना करना पड़ा होगा। काम कमाई होने के बावजूद भी रितिका के पिता ने अपनी बेटी को पढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
रितिका के सामने भी सबसे बड़ी परेशानी ये थी कि उन्हें घर से 43 KM दूर स्कूल जाना पड़ता था। फिर भी रितिका को रोज़ाना इतना दूर स्कूल जाना पड़ता था। इसलिए रितिका की सफलता खुद रितिका और उनके परिवार के लिए बहुत मायने रखती है।
वहीँ दूसरी और रितिका के स्कूल टीचर और पिता ने बताया कि रितिका की शुरू से ही साइंस सब्जेक्ट में काफ़ी रुचि रही है। नासा में चयन से पहले भी रितिका कई तरह की साइंस प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेती रही हैं जहाँ इनका प्रदर्शन अच्छा होता था।
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छत्तीसगढ़ के मंत्री भूपेश भगेल ने भी अपने ट्विटर हैंडल द्वारा इस बात की जानकारी दी है और रितिका को बधाई दी है। अब रितिका ध्रुव विद्यालय प्रशिक्षण के लिए इसरो श्री हरिकोटा पहुँच गयीं हैं।
.@MahasamundDist के स्वामी आत्मानंद शासकीय इंग्लिश मीडियम स्कूल की कक्षा 11वीं की छात्रा रितिका ध्रुव का चयन @NASA के सिटीजन साईंस प्रोजेक्ट के अंतर्गत क्षुद्रग्रह खोज अभियान के लिए हुआ है।
मुख्यमंत्री श्री @bhupeshbaghel ने रितिका की इस उपलब्धि पर उन्हें बधाई दी।#Chhattisgarh pic.twitter.com/y21YkuzBf1
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) October 2, 2022
इस प्रोजेक्ट के अनुसार NASA ISRO के साथ मिलकर अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय खोज सहयोग प्रोजेक्ट में साझेदारी का पार्ट है। ये प्रोजेक्ट क्षुद्रग्रह की खोज करता है। ये ऐसे प्रोजेक्ट बनाते हैं जिससे और स्कूली बच्चों को प्रोत्साहन मिल सके।
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