हमारे वीर जवान – कविता

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यह कविता हमें रघु एवं दिप्ती जी ने भेजी है। इनकी ये कविता भारत के वीर जवानों के लिए है जो सरहद पर रहकर भारत और इसके लोगों की रक्षा करते हैं।


नमन है उन वीरों को जिन्होनें दिया अपना ही बलिदान।
नमन है उन हीरों को जो हैं सबसे महान।।

हम हैं सुरक्षित, हम हैं ख़ुश।
क्योंकि हम नहीं देखते उन दुश्मनों का डरावना रूप।।

हमें आती है एक छोटी खरोंच, तब हम हैं डरते।
वे अपनी जान दे देते हैं सरहद पर लड़ते-लड़ते।।

वे हमेशा रखते हैं उस तिरंगे का सम्मान।
जिस पर टिका है हमारे पूरे देश का मान।।

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न देखते हैं वो जाति, न देखते हैं वो धर्म।
मरते दम तक निभाते हैं देश के प्रति अपना कर्म।।

कभी न ख़त्म होने वाली वीरता है इनकी।
हर वार को सहने वाली सहनशीलता है इनकी।।

जिस दिन हमारे घरों में होते हैं त्यौहार।
वे झेलते रहते हैं गोलियों की बौछार।।

धन्य है ऐसी माँ जिसने जन्म दिया ऐसे लाल को।
जो देश के लिए भूल गया अपने बच्चों और परिवार को।।

हे ईश्वर ! रखना हमेशा उनके ऊपर अपना हाथ।
वे एकलौते निभाते हैं हमारे पूरे देश का साथ।।


अगर आपके पास भी आपकी लिखी हुई कोई कविता है, तो आप हमें ई-मेल कर सकते हैं हमारे ईमेल badteraho@gmail.com पर उस कविता को हम आपके नाम के साथ पोस्ट करेंगे।

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